एस आई आर डी मे विभिन्न विषयो पर विशेषज्ञो द्वारा दिया जा रहा है प्रशिक्षण
दया शंकर चौधरी।
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभागो /संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व विभाग व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा संस्थान द्वारा महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण व प्र0 अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन तथा प्रशासनिक नियंत्रण में, संस्थान मे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम यथा - 16से18नवंबर तक, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कुल 97 प्रतिभागियों हेतु, " लर्निंग बाई डूइंग " विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम, आयोजित किया गया।
17 से 20 नवंबर तक, ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत, 69 डिस्ट्रिक्ट मिशन मैनेजर/ब्लाक मिशन मैनेजर हेतु , " लोकोस ट्रांजैक्शन " विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा 17से 22 नवम्बर तक केन्द्रीय सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंध संस्थान , नई दिल्ली द्वारा स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा 2024 के माध्यम से चयनित कुल 279 सहायक अनुभाग अधिकारियों के सापेक्ष, एस आई आर डी द्वारा द्वितीय चरण में 70 सहायक अनुभाग अधिकारियों हेतु "विलेज अटैचमेंट कार्यक्रम" विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद लखनऊ तथा पड़ोसी जनपदों की विभिन्न ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर पर शासकीय संस्थाओं विकास सम्बन्धी गतिविधियों के अध्ययन भ्रमण एवं संलिप्त शासकीय कार्मिकों की कार्यशैली तथा पंचायत प्रतिनिधियों के साथ समन्वय और सहयोग की भूमिकाओं के आकलन हेतु आयोजन किया जा रहा है।
मंगलवार को मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथि वार्ताकारों यथा - आध्यात्मिक गुरु स्वामी अपरिमेव श्याम सुंदर दास, इस्कॉन संगठन, लखनऊ तथा डा० किशन वीर सिंह शाक्य, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पूर्व वरिष्ठ सदस्य लोक सेवा आयोग, उ०प्र० की गरिमामई उपस्थिति में संस्थान में आयोजित समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों को, संस्थान के बुद्धा सभागार में आमंत्रित करके, सम्बन्धित विषयगत वार्ताकारों द्वारा अपने-अपने विषयानुक्रम बिन्दुओं पर प्रासंगिक एवं उपयोगी व्याख्यान दिए गए।
आध्यात्मिक गुरु अपरिमेव श्याम सुंदर दास द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि विकसित भारत के निर्माण के परिप्रेक्ष्य में यह बहुत आवश्यक है कि प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक विकसित मानसिकता के साथ, राष्ट्रीय एकता की भावना को प्राथमिकता प्रदान करते हुए, शासकीय ढांचे में हम जहां पर भी, जिस पद पर हैं, प्रदत्त कार्यों को, जनहित की भावना को ध्यान में रखते हुए, निष्ठा, लगन व ईमानदारी से निष्पादित करना चाहिए। जब हम विकसित मानसिकता की बात करते हैं, तो इसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि भारतीय सांस्कृतिक परिवेश में भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा की उसी अनुपात में प्रासंगिकता है, क्योंकि जिस प्रकार भौतिक शिक्षा विज्ञान पर आधारित है, ठीक उसी प्रकार आध्यात्मिक शिक्षा व आध्यात्म दर्शन शत-प्रतिशत विज्ञान पर आधारित है। इसलिए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में समान रूप से, भौतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा प्रासंगिक है।
डा० किशन वीर सिंह शाक्य द्वारा समस्त प्रशिक्षु अधिकारियों को बताया कि मिशन कर्मयोगी के समाहित समस्त घटकों को यदि गम्भीरता के साथ विश्लेषित किया जाये, तो इसके सन्दर्भ में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। प्रत्येक नागरिक को सकारात्मक व रचनात्मक रूप से जागरूक करना भी एक प्रकार का प्रशिक्षण हीं है। राष्ट्रहित की भावना को ध्यान में रखकर हम सभी को जनहित के कार्यों को प्रमुखता देनी चाहिए। श्रीमद् भगवत गीता के उपयोगी व महत्वपूर्ण सन्दर्भो को उद्धृत करते हुए एक आदर्श एवं नैतिकता से पूर्ण कर्मयोगी बनने हेतु अभिप्रेरित किया।कार्यक्रम के समापन अवसर पर अध्यक्षीय संबोधन के अन्तर्गत महानिदेशक संस्थान एल० वेंकटेश्वर लू द्वारा प्रतिभागियों को अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से, पारिवारिक व सामाजिक सम्बन्धों में परस्पर समन्वय एवं सहयोग की दृष्टि से, एक आदर्श पिता, पुत्र, और पुत्री की आदर्श भूमिका पर विस्तृत व्याख्यान देने के साथ संयुक्त परिवार के महत्व एवं सामाजिक सम्बन्धों की सीमाओं पर विस्तृत व्याख्यान दिया। भारतीय संस्कृति, रीति, रिवाजों तथा ऋषि - मुनियों के आदर्शो को श्रीमद् भगवत गीता के व्यवहारिक पक्ष व सारगर्भित ज्ञान के साथ समाहित करते हुए एक आदर्श कर्मयोगी बनने हेतु अभिप्रेरित किया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन डा० नवीन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के आयोजन एवं प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान की उपनिदेशक डॉ० नीरजा गुप्ता, सरिता गुप्ता, सहायक निदेशक, डा० वरुण चतुर्वेदी, डा० राज किशोर यादव, डा० सत्येन्द्र कुमार गुप्ता, डा० सीमा राठौर, गरिमा सिंह, राजीव कुमार दूबे तथा संजय कुमार, संकाय सदस्य धर्मेन्द्र कुमार सुमन, मोहित यादव तथा डा० अलका शर्मा एवं सहयोग की दृष्टि से कम्प्यूटर प्रोग्रामर उपेन्द्र कुमार दूबे, प्रचार सहायक मो० शहंशाह, कम्प्यूटर आपरेटर व प्रशिक्षण सहायक मो० शाहरूख का उल्लेखनीय व सराहनीय योगदान रहा है।





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